Monetary Policy: मौद्रिक नीति की अपेक्षाओं से ज्यादा प्रभावित होंगे शेयर बाजार
ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार नीतिगत घोषणाओं को पचा लेते हैं और व्यापारी पूरे दिन अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करते हैं। इक्विटी बाजार और मौद्रिक नीति के आश्चर्य शीर्षक वाले इस शोध पत्र को आरबीआई (RBI) के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के मयंक गुप्ता अमित पवार सत्यम कुमार अभिनंदन बोरड और सुब्रत कुमार सीट ने तैयार किया गया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भविष्य में शेयर बाजार नीतिगत दरों में अप्रत्याशित बदलाव की तुलना में मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की अपेक्षाओं से ज्यादा प्रभावित होगा। आरबीआई अधिकारियों के एक शोध पत्र के अनुसार मौद्रिक नीति के साथ ही घोषित किए जाने वाले विनियामक और विकास उपाय भी शेयर बाजारों को प्रभावित करते हैं। शोध पत्र में कहा गया,
भविष्य में इक्विटी बाजार नीतिगत दरों में अप्रत्याशित बदलाव की तुलना में मौद्रिक नीति को लेकर बाजार की अपेक्षाओं से ज्यादा प्रभावित होंगे। इसमें कहा गया है कि नीतिगत घोषणा के दिन इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव दोनों कारकों से प्रभावित होता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार नीतिगत घोषणाओं को पचा लेते हैं और व्यापारी पूरे दिन अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करते हैं। इक्विटी बाजार और मौद्रिक नीति के आश्चर्य शीर्षक वाले इस शोध पत्र को आरबीआई के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के मयंक गुप्ता, अमित पवार, सत्यम कुमार, अभिनंदन बोरड और सुब्रत कुमार सीट ने तैयार किया गया है।
रिटर्न पर मौद्रिक नीति घोषणाओं के प्रभाव
पेपर नीति घोषणा के दिनों में ओवरनाइट इंडेक्सेड स्वैप (ओआईएस) दरों में बदलाव को लक्ष्य और पथ कारकों में विघटित करके बीएसई सेंसेक्स में रिटर्न और अस्थिरता पर मौद्रिक नीति घोषणाओं के प्रभाव का विश्लेषण करता है। लक्ष्य कारक केंद्रीय बैंक नीति दर कार्रवाई में आश्चर्यजनक घटक को पकड़ता है, जबकि पथ कारक मौद्रिक नीति के भविष्य के पथ के बारे में बाजार की उम्मीदों पर केंद्रीय बैंक के संचार के प्रभाव को पकड़ता है।
ये भी पढ़ें- Unemployment in India: क्या तेज होते आर्थिक विकास के साथ खत्म हो जाएगी बेरोजगारी?